"महात्मा ज्योतिबा फुले जिन्होंने हिन्दू समाज की छोटी जातियों को उच्च वर्णों के प्रति उनकी गुलामी की भावना के संबंध ने जागृत किया और जिन्होने विदेशी शासन से मुक्ति पाने से भी अधिक सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना महत्त्वपूर्ण है, इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।"
डॉ. भीमराव अम्बेडकर

जीवन परिचय

Jivani

ज्योतिराव फुले की एक वर्ष की आयु में ही माता चिमनाबाई का वर्ष 1828 में देहावसान हो गया था। पिता गोविन्दराव अनपढ़ थे वे धार्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण अपनी निम्न जाति का होने के बाद भी उन्होंने अपने को कभी छोटा नहीं समझा, उनमें जातीय अभिमान था, कर्म और श्रम के प्रति गहरी निष्ठा थी ...

वे सड़ी गली प्रथाओं तथा निषिद्ध परम्पराओं को शिक्षा द्वारा जागृति लाकर तोड़ने पर तुले हुए थे। उन्होंने शिक्षा का प्रचार और संगठित होकर करने की भावना बलवती हो गई तथा समाज में आमूल परिवर्तन करने की ठान ली, अपमान की यह घटना वरदान सिद्ध हुई ... आगे पढ़ें

हमारे बारे में

भारत देश में समाज सुधारक के रूप में महात्मा गौत्तम बुद्ध के बाद महाराष्ट्र के महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहू जी महाराज, डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर तथा महात्मा गांधी ने जन्म लिया है और देश को मानवता की राह दिखान में अग्रणी रहे हैं।

यहाँ महात्मा ज्योतिबा फुले के विषय में महात्मा फुले चरित्र साधने प्रकाशन समिति, महाराष्ट्र शासन ने स्थापित कर हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा में महात्मा फुले के साहित्य को आगे बढ़ाया। यह गर्व की बात है कि वे माली जाति में पैदा होकर देश को मानवता की राह दिखाने वाले महामानव थे ... आगे पढ़ें

संक्षिप्त सचित्र जीवन परिचय : संकलनकर्त्ता - मनीष गहलोत

Read more on : www.malisaii.org

Jyotibaa Phule - Read on malisaini.org Savitribai Phule - Read on malisaini.org


www.naveenparth.net
Valid XHTML Strict!Valid CSS!Multi Browser Ready!